प्रमाण
1- कुरुक्षेत्र तो एक छोटा-सा जिला है, जहाँ 18 अक्षौहिणी सेना का खड़ा होना भी असम्भव है, फिर युद्ध तो बहुत दूर की बात है।
2- महाभारत ऐसा हिंसक युद्ध जिसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं जिसके किरदारों की जन्म की कोई तिथी, तारीख नहीं। और कई पात्रों का जन्मों को अप्राकृतिक दिखाया जैसे द्रौपदी का जन्म अग्नि से हुआ, घड़े से बच्चे का जन्म हुआ आदि। जबकि गीता में भगवान् ने कहा है सिर्फ मेरा दिव्य जन्म बाकी किसी केलिए नहीं कहा है।
3- 5000 वर्ष पुरानी विश्व विख्यात ग्रीस, मेसापोटामिया, सिंधू घाटी और हडप्पा सभ्यताओं में महाभारत का कोई प्रमाण नहीं, ना महाभारत ग्रंथ में इन सभ्यताओं का कोई जिक्र है। एक ही समय पर होने वाली दोनों घटनाओं का आपस में कोई ताल-मेल नहीं है
4-''सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज'' इन सब धर्मों को छोड़ मुझ एक की शरण में आ जा । विचार कीजिये कि क्या द्वापर में सभी धर्म मौजूद थे?? जब सभी धर्म मौजूद होंगे, तभी तो सभी धर्मों को छोड़ने की बात होगी, द्वापुर में तो सब धर्म मौजूद ही नहीं थे । अनेक धर्मों की स्थापना, ढाई हजार वर्ष के अंदर ही हुई है, फिर 5000 वर्ष द्वापुरयुग होना या अनेक धर्म होना कैसे संभव हो सकता है??
5- ''जगत विपरिवर्तते'' मेरी अध्यक्षता से संसार विपरीत गति को जाता है अर्थात् कलियुग से सतयुग की ओर, फिर द्वापुर के बाद तो विपरीत गति नहीं हुई । और सृष्टि का पतन हुआ, प्रमाणित मानवीय इतिहास में मनुष्य और ही अधर्मी, कामी, पाखंडी, अभिमानी, क्रोधी, अहंकारी, पशुओं के समान हिंसा का आचरण करने वाले हो गए। क्या भगवान हिंसक युद्ध कराकर पापी कलियुग की स्थापना करते???
वास्तव में यह सामने खड़े सन्नद्ध चतुर्थ विश्वयुद्ध वाले मौसलिक/मिसाइल्स के और तृतीय विश्वयुद्ध वाले महाभारत युद्ध के आसार वर्तमान समय की बात है।